आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और सेविका संगठन की 18 हजार मानदेय सहित सात सूत्री मांगों को लेकर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल और धरना सोमवार को भी जारी रही। सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और सेविकाएं तहसील पहुंची, यहां उन्होंने सात सूत्री मांगों को लेकर तहसील में धरना दिया। इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। पूर्व जिलाध्यक्ष बसंती रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास घेराव के दौरान सीएम तो नहीं मिले, लेकिन उनके प्रतिनिधि ने उनके मानदेय में एक हजार रुपये की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा, जिसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक सिरे से नकार दिया। कहा कि विभाग द्वारा उन्हें सौंपी गई हर जिम्मेदारी को वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके प्रदेश सरकार उन्हें उचित मानदेय तक नहीं दे रही है। कहा कि अलग-थलग संगठनों से वार्ता कर उन्हें आंदोलन में जोड़ा जा रहा है। कहा कि जल्द ही देहरादून में पुन: महारैली आहूत की जाएगी और आंदोलन को सफल बनाने के लिए राज्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन भी हासिल कर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष दुगड्डा सुनीता देवी, ब्लॉक सचिव ऊषा देवरानी, आशा देवी, सुषमा गुसाईं, मुन्नी देवी, अंबिका रावत, रिहाना, शमीमा, संजू, ज्योति, सविता, संतोषी देवी, कल्पना देवी, लक्ष्मी देवी, अनीता कंडारी, दुर्गेश्वरी, विनीता मलासी, ऊषा गोस्वामी, गोदांबरी, रश्मि नेगी, बबीता नेगी, किरन, सरोज, प्रभा जोशी, रश्मि नेगी, रोशनी देवी, अंबिका रावत, रोशनी नेगी, पूनम असवाल, अनामिका, रिहाना परवीन, रेखा जोशी, सुशीला देवी आदि शामिल रहे।
सात सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का तहसील में धरना जारी